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तुर्की और सीरिया में भूकंप से 15 हजार से अधिक लोगों की मौत, जिंदगियां बचाने की जंग जारी

तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 15,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने...
तुर्की और सीरिया में भूकंप से 15 हजार से अधिक लोगों की मौत, जिंदगियां बचाने की जंग जारी

तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 15,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15,000 से अधिक हो गई, क्योंकि प्रभावित क्षेत्र में ढह गए घरों के मलबे से और शव निकाले गए। घायलों की संख्या 80 हजार से भी अधिक हो गई है। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

राहत एजेंसियों और बचाव कार्यकर्ताओं ने आगाह किया है कि मलबे में अभी भी बहुत से लोगों के दबे होने के कारण मृतकों की संख्‍या और बढ़ सकती है। बचाव कार्यकर्ता भूकंप से बुरी तरह प्रभावित कुछ क्षेत्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप के बाद मलबे के आसपास कमजोर हो चुकी मूलभूत संरचना के भवनों के गिरने की भी आशंका है।

इस बीच, तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोआन ने दो विनाशकारी भूकंप को लेकर अपनी सरकार की प्रतिक्रिया का बचाव करते हुए कहा कि आपदा के अनुरूप तैयारी करना संभव है। आलोचकों का कहना है कि आपात सेवाओं की प्रतिक्रिया बहुत धीमी है और सरकार की तैयारी भी कमजोर है। श्री एर्दोआन ने स्‍वीकार किया कि सरकार को कुछ समस्‍याएं हो रही है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।

इस बीच, तुर्किये के अलग-अलग शहरों में बार-बार भूकंप के झटके भी महसूस किए जा रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्विसेज (USGS) की रिपोर्ट के अनुसार, रात में 12 बजे के बाद से सुबह सात बजकर 14 मिनट के बीच पांच बार अलग-अलग समय पर भूकंप के झटके आए। इनकी तीव्रता 4.4 से 4.5 के बीच रही।

उधर, भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' चलाया है। इसके जरिए भारत ने तुर्किये के लोगों की मदद तेज कर दी है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये भेजी गई है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है।

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