14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को लेकर क्या रणनीति अपनाई जाए, इसको लेकर सरकार में मंथन जारी है। सभी को 10 तारीख को आने वाली इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आधार पर यह तय होगा कि भारत संक्रमण रोकने में सफल रहा या नहीं और लॉकडाउन का हमें कितना फायदा मिला। कोरोना संक्रमण के साथ-साथ सरकार की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अर्थव्यवस्था पूरी ठप हो गई है और भारी संख्या में नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते वह लॉकडाउन को आगे बढ़ाना नहीं चाहती है। ऐसे में आईसीएमआर की रिपोर्ट काफी अहम होने वाली है। क्योंकि उससे यह भी पता चलेगा कि भारत में कम्युनिटी संक्रमण किस स्तर पर है।
कई विकल्पों पर हो रहा है विचार
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सभी मंत्रालयों को लॉकडाउन से हो रहे आर्थिक नुकसान का खाका पेश करने को कहा गया है। इसके अलावा सरकार राहत पैकेज के ऊपर आगे क्या कदम उठा सकती है, इसकी भी रूपरेखा पेश करने को कहा गया है। इसे बारे में इंडस्ट्री से भी सुझाव मांगे गए हैं। इस संबंध में सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सभी मंत्रियों को प्रधानमंत्री द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
राहत पैकेज का भी हो सकता है ऐलान
सूत्रों के अनुसार, सरकार उद्योग जगत को और क्या राहत दे सकती है, इस पर भी विचार कर रही है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को कैसे ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले, इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है। क्योंकि फीडबैक यह है कि बड़े पैमाने पर कंपनियां छंटनी और वेतन में कटौती करने की तैयारी में हैं। इसे रोकने के लिए डायरेक्ट कैसे राहत दी जा सकती है। इस पर भी विचार हो रहा है।
लॉकडाउन खत्म होने से ठीक पहले हो सकती है पैकेज की घोषणा
पिछले महीने सरकार ने गरीब और कमजोर वर्गों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। अब उन सेक्टर के लिए पैकेज लाने पर विचार हो रहा है जो लॉक डाउन के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें कृषि, एमएसएमई, होटल इंडस्ट्री और नागरिक उड्डयन जैसे सेक्टर हो सकते हैं। पैकेज की घोषणा लॉकडाउन खत्म होने से ठीक पहले की जा सकती है।
पॉकेट में जारी रह सकता है लॉकडाउन
सूत्रों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के जो हॉटस्पॉट हैं, वहां पर अभी लॉकडाउन में ढील नहीं दी जाएगी। अभी जिन 16 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है, वहां पर लॉकडाउन सख्ती से लागू रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में 60 के करीब ऐसे जिले हैं जहां पर 80 फीसदी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसके तहत यह हॉट स्पॉट भी शामिल हैं।
भीलवाड़ा मॉडल पर हो रहा है विचार
राजस्थान के भीलवाड़ा में तेजी से संक्रमण के मामले आए और उसके बाद राज्य सरकार ने अपने सारे संसाधन वहां पर लगाए, उसकी वजह से संक्रमण को काफी हद तक शहर में नियंत्रित किया गया है। उसी आधार पर देश भर में ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों को मैनेज करने का प्लान है और ज्यादा संक्रमण वाले हॉट स्पॉट में भीलवाड़ा जैसी सख्ती अपनाने की योजना पर काम हो रहा है।