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इन आधार पर गांधी परिवार के सदस्यों की एसपीजी हटाने का हुआ फैसला, जानें सरकार की दलील

केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की विशेष सुरक्षा समूह...
इन आधार पर गांधी परिवार के सदस्यों की एसपीजी हटाने का हुआ फैसला, जानें सरकार की दलील

केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया है। अब गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी।आइएएनएस न्यूज एजेंसी के अनुसार  सरकार की ओर से एसपीजी हटाने की वजह गांधी परिवार के सदस्यों द्वारा कई बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करना एक बड़ी वजह रहा है। गांधी परिवार के सदस्य कई बार विदेश दौरों पर अपने साथ एसपीजी नहीं ले गए तो कई अवसरों पर बुलेटप्रूफ वाहनों के बिना यात्रा की।

राहुल गांधी ने 2005-2014 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 18 बार गैर-बुलेटप्रूफ वाहनों (नॉन-बीआर) में यात्रा की। यह गंभीर उल्लंघन था। उन्होंने  2015 से और इस साल के मई तक 1,892 बार इस तरह के नॉन बीरआर वाहनों में यात्रा की यानी हर रोज औसत एक बार इस तरह की घटना हुई। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस साल जून तक 247 मौकों पर वह इस तरह के वाहनों में दिल्ली से बाहर गए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने मोटर वाहन कानून और सुरक्षा सलाह का उल्लंघन करते हुए आंतरिक दौरों के दौरान कुछ अवसरों पर वाहन की छत पर यात्रा की।

बनासकांठा के पथराव में पीएसओ हुआ था घायल

4 अगस्त, 2017 को गुजरात के बनासकांठा में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान, एक गंभीर उल्लंघन हुआ जो राहुल गांधी के जीवन को खतरे में डाल सकता था। सूत्रों का कहना है, "जब वह एसपीजी की सुरक्षा सलाह के खिलाफ एक नॉन-बीआर कार में यात्रा कर रहे थे, उस दौरान नॉन बीआर निजी कार पर पथराव की घटना हुई थी जिसमें एसपीजी पीएसओ घायल हो गए थे।" एसपीजी की सलाह मानी गई होती तो चोट से बचा जा सकता था। इस मामले को कांग्रेस ने संसद के चालू सत्र में उठाया था, जिस पर गृह मंत्री ने लोकसभा में बयान दिया था। उन्होंने सदन को बताया कि राहुल गांधी ने अप्रैल 2015 से जून 2017 के बीच अपनी 121 यात्राओं में से 100 अवसरों पर एसपीजी बीआर वाहनों को इस्तेमाल नहीं किया।

विदेशी यात्राओं में साथ नहीं गए एसपीजी अफसर

राहुल गांधी 1991 के बाद से कुल 156 विदेशी यात्राओं में 143 यात्राओं पर एसपीजी अफसरों को साथ नहीं ले गए। इन 143 विदेशी यात्राओं में अधिकांश का कार्यक्रम उन्होंने एन वक्त पर बताया और एसपीजी अफसरों को साथ जाने से रोका गया। उन्होंने पिछले पांच सालों के दौरान अपने सार्वजनिक भाषणों में एसपीजी का नाम घसीटा जिसे उस समय की सरकार ‘अवांछनीय’ मानती है।

उल्लंघन में प्रियंका और सोनिया गांधी भी पीछे नहीं

कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सुरक्षा उल्लघंन के मामले में पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी 2015 से मई 2019 तक नई दिल्ली में यात्रा के दौरान 50 अवसरों पर एसपीजी बुलेट प्रूफ वाहन का इस्तेमाल नहीं किया। एक बार राहुल गांधी अपनी नॉन बीआर कार भी चलाई। उन्होंने पिछले पांच वर्षों (मई 2019 तक) में देश के विभिन्न स्थानों पर 13 अनिर्धारित यात्राओं का भी आयोजन किया, जिस दौरान उन्होंने नॉन बीआर कारों का इस्तेमाल किया। वह 2015 के बाद से अपनी 24 विदेश यात्राओं में एसपीजी अफसरों को साथ नहीं ले गईं।

प्रियंका गांधी ने 2015 से मई 2019 तक दिल्ली में 339 और देश में अन्य स्थानों पर 64 अवसरों पर अपनी यात्रा के लिए एसपीजी बुलेट प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया और इन यात्राओं पर एसपीजी अफसरों की सलाह के खिलाफ नॉन-बीआर वाहनों का इस्तेमाल किया।

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