दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले को स्थगित कर दिया है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए बिना कोई दिन निश्चित किए मामले को स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने मामले को स्थगित करते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी बार-बार स्थगन मांग रहे थे। मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे बहस के लिए सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत से इस पर स्थगन मांगते हुए मामले को अक्टूबर के पहले हफ्ते में सूचीबद्ध करने के लिए कहा। दोनों एजेंसियां राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को मिली अग्रिम जमानत का विरोध कर रही हैं।
विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने बिना कोई तारीख बताए सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि जब भी जांच पूरी हो जाए तो अभियोजन पक्ष अदालत का रुख कर सकता है।
अदालत ने एयरसेल मैक्सिस सौदे के संबंध में ईडी द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम और उनके बेटे को गुरुवार को अग्रिम जमानत दे दी थी। मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लेने पर जिरह के लिए इसे सूचीबद्ध किया गया था।
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने इस आधार पर स्थगन मांगा कि 'लेटर्स रोगेटरी' पर जवाब का इंतजार है। एजेंसियों ने अदालत से इस मामले को अक्टूबर में पहले सप्ताह तक स्थगित करने का अनुरोध किया था।
अदालत ने कहा, ''अभियोजन पक्ष तारीख पर तारीख मांग रहा है। मामले को अनिश्चितकाल तक स्थगित किया जाता है। जब भी जांच पूरी हो जाए और उन्हें विभिन्न देशों से लेटर्स रोगेटरी प्राप्त हो जाएं तो अभियोजन पक्ष अदालत का रुख कर सकता है।"
सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रहे हैं कि 2006 में जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस सौदे के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिली। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान वित्त मंत्री रहते हुए कांग्रेस नेता ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी क्षमता से परे जाकर इस सौदे को मंजूरी दी और रिश्वत ली थी।
सीबीआई या ईडी एयरसेल-मैक्सिस केस में दोनों को गिरफ्तार नहीं कर सकती
गौरतलब है कि गुरुवार को कोर्ट ने पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को गवाहों व सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। अदालत के इस आदेश के बाद सीबीआई या ईडी एयरसेल-मैक्सिस केस में दोनों को गिरफ्तार नहीं कर सकती हैं।
आईएनएक्स मीडिया केस में जेल में बंद हैं चिदंबरम
हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था, तब से 5 सितंबर तक पूर्व वित्त मंत्री सीबीआई हिरासत में थे। 5 सितंबर को कोर्ट ने पी. चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल भेज दिया।
क्या है मामला
बता दें कि ये मामला फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है। 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को पी. चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री मंजूरी दी थी। पूर्व वित्त मंत्री पर आरोप है कि उनके पास 600 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को ही मंजूरी देने का अधिकार था।
इससे अलग किसी बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए उन्हें आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी। एयरसेल-मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दे दी।