अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के सह-आरोपी राजीव सक्सेना को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सात दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। इस घोटाले में उन पर मनी लॉड्रिंग का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि राजीव सक्सेना ने खैतान के साथ साठगांठ कर अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के करार को प्रभावित किया। पिछले महीने कारोबारी राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से प्रत्यर्पण के जरिये भारत लाया गया था। वहीं उनकी एडवोकेट गीता लूथरा ने दलील दी थी कि जिस तरीके से राजीव सक्सेना को भारत लाया गया, वो गैरकानूनी है।
मनी लॉड्रिंग का है आरोप
प्रवासी भारतीय राजीव सक्सेना मॉरीशस की एक कंपनी इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के निदेशक और शेयरहोल्डर हैं। आरोप है कि इस कंपनी का चॉपर डील में लांड्रिंग करने में इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियों के मुताबिक राजीव सक्सेना पेशे से वकील गौतम खेतान के करीबी हैं। खेतान अभी ईडी की कस्टडी में हैं।
पिछले साल, 6 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत ने सक्सेना के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था। सक्सेना का नाम उसकी पत्नी शिवानी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में आया है। उसकी पत्नी को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जमानत पर है।
दीपक तलवार दुबई हो गया था फरार
दीपक तलवार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। उन पर उनके एनजीओ के जरिए 90 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड का दुरुपयोग के आरोप हैं। उन पर फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के उल्लंघन के आरोप हैं। दीपक तलवार दुबई फरार हो गए थे। उनके खिलाफ भारत में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को छिपाने के मामले की भी जांच चल रही थी।
मिशेल ने निभाई थी डील में बिचौलिए की भूमिका
पिछले साल दिसंबर में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने प्रत्यर्पण के जरिये ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत को सौंपा था। क्रिश्चियन मिशेल ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी चॉपर डील में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी।