दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया है कि हिरासत में जैन अभी भी एक कैबिनेट मंत्री के भत्तों और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं जबकि उन पर धनशोध मामले में गंभीर आरोप हैं, जिसके लिए कड़ी सजा दी जा सकती है।
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मामले की सुनवाई की है। दिल्ली के स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिग मामले में आरोपी हैं और अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
दरअसल, सत्येंद्र जैन कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले कई दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 57 वर्षीय सत्येंद्र जैन को कथित धनशोधन मामले में 30 मई को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। ऑक्सीजन का स्तर गिरने के बाद उन्हें पिछले हफ्ते शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जैन के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में बताए जाने के बाद, अदालत ने ईडी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जैन की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश ने एजेंसी की याचिका पर दलीलें सुनीं और जैन की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी थी।
इससे पहले कोर्ट ने स्त्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। एक जुलाई को ईडी ने स्वास्थ्य मंत्री के दो करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। अदालत ने वैभव जैन की रिमांड अवधि 11 जुलाई तक बढ़ा दी है जबकि अंकुश जैन को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
बता दें कि ईडी ने 2017 के एक मामले में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस दर्ज किया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने का काम किया था। वहीं, जैन के सहयोगियों और अन्य व्यक्तियों के परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत किए गए एक तलाशी अभियान के दौरान संपत्ति जब्त की गई, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सहायता की थी।