दिल्ली हाईकोर्ट ने आज 2जी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ की अपील पर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है्। विशेष अदालत ने इस मामले में पूर्वदूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी व अन्य लोगों को बरी कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि धन शोधन मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनी रहेगी। मामले की सुनवाई 25 मई को होगी।
Delhi High Court issued notice to all accused in the 2G Spectrum case on the appeal filed by Enforcement Directorate and CBI. Next date of hearing is 25th May.
— ANI (@ANI) March 21, 2018
सीबीआइ और ईडी द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में अपील किए जाने पर ए राजा ने कहा कि वंचित पक्ष को अपील करने का वैधानिक अधिकार है। मान लीजिए कि अगर मुझे दोषी ठहराया गया है तो क्या मैं अपील करने का हकदार नहीं हूं? यह बिलकुल सामान्य है, इसमें कुछ विशेष नहीं है। इसकी शत-प्रतिशत संभावना थी।
Deprived party can go for appeal, that is a statutory right... Suppose if I am convicted am I not entitled to appeal? That is quite natural, noting special.. it was 100% anticipated: A. Raja on CBI & ED moving higher court in 2G Scam Case acquittal. pic.twitter.com/qsk0WsSliY
— ANI (@ANI) March 21, 2018
ईडी और सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम केस में ए राजा और कनिमोझी समेत बाकी आरोपियों की रिहाई के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। विशेष अदालत ने सीबीआई व ईडी द्वारा दर्ज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा तथा द्रमुक सांसद कनिमोई को पिछले साल 21 दिसंबर को बरी कर दिया। इसके साथ ही विशेष अदालत ने ईडी के मामले में 17 अन्य लोगों को भी बरी किया जिनमें द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल, एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी तथा कलेंगनर टीवी के निदेशक पी अमृतन और शरद कुमार शामिल हैं।
ईडी ने आरोपपत्र में कहा था कि एसटीपीएल ने डीएमके के चैनल कलेंगनर टीवी के प्रवर्तकों को 200 करोड़ रुपये से अधिक धन दिया था। विशेष अदालत ने उसी दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो के2 जी मामले में भी राजा और कनिमोई समेत अन्य लोगों को बरी कर दिया था। सीबीआई का आरोप था कि2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के चलते सरकारी खजाने को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।