दिल्ली हाई कोर्ट आबकारी नीति से जुड़े कथित धन शोधन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
यह याचिका न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले जांच एजेंसी के वकील द्वारा अनुरोध किए जाने पर अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत को चुनौती दी गई है।
इस याचिका पर न्यायमूर्ति रवींद्र दुडेजा की अदालत में सुनवाई होगी। इससे पहले, जांच एजेंसी के वकील के अनुरोध पर अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी थी।
वकीलों का है यह तर्क
केजरीवाल के वकीलों का कहना है कि चूंकि इस मामले में अन्य सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, इसलिए केजरीवाल की जमानत भी बरकरार रखी जानी चाहिए। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई 2024 को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तारी की 'आवश्यकता और कारण' को लेकर कुछ अहम सवाल बड़ी पीठ को भेजे थे।
20 जून 2024 को केजरीवाल को मिली थी जमानत
दिल्ली की निचली अदालत ने 20 जून 2024 को केजरीवाल को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी, लेकिन ईडी की याचिका पर हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। ईडी और सीबीआई ने क्रमश: 21 मार्च और 26 जून 2023 को केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया था।
शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ देने का आरोप
गौरतलब है कि 2021 की आबकारी नीति को 2022 में रद्द कर दिया गया था, जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसमें कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था। ईडी और सीबीआई का आरोप है कि नीति में बदलाव कर शराब लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिससे भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग हुई।