दिल्ली हाइकोर्ट ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है। यह राहत मामले की अगली सुनवाई तक के लिए है। मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। हाइकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी किए जाने और सुनवाई को चुनौती देने वाली कार्ति की याचिका पर केंद्र सरकार और ईडी से जवाब मांगा।
Delhi High Court grants interim relief to Karti Chidambaram from arrest from the Enforcement Directorate. Relief granted till next date of hearing. HC also issued notice to ED & Centre on Karti's plea.
— ANI (@ANI) March 9, 2018
हाइकोर्ट ने कहा कि यदि सीबीआइ के मामले में कार्ति को जमानत दे देती है तो ईडी उन्हें अगली तारीख यानी 20 मार्च तक गिरफ्तार नहीं करे।
दूसरी ओर, सीबीआइ ने आज कार्ति चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया और उनकी हिरासत अवधि छह दिन और बढ़ाने का अनुरोध किया। कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने कार्ति के सीए एस भास्कररमण की न्यायिक हिरासत की अवधि 22 मार्च तक बढ़ा दी। इस मामले में भास्कररमण को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने 28 फरवरी को चेन्नई हवाईअड्डे से कार्ति को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुए कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
इससे पहले, अदालत से उन्होंने सीबीआई पर यह आरोप लगाते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड ( एफआइपीबी) की मंजूरी मिली थी।