केंद्र के तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 55वें दिन जारी रहा। कड़ाके की सर्दी में दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसान आंदोलनरत हैं। कल बुधवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले ये 19 जनवरी को होनी थी लेकिन टाल दी गई। हालांकि अभी तक हुई 9 दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। वहीं, ट्रैक्टर रैली पर अड़े किसानों के साथ दिल्ली पुलिस ने भी बैठक की। हालाकि, अभी तक कोई हल नहीं निकला है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने अपनी पहली बैठक की लेकिन किसान नहीं पहुंचे।
पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद किसानों ने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस को कह दिया है कि हम 26 तारीख को ट्रैक्टर मार्च करेंगे। हालांकि कल एक बार फिर पुलिस और किसान संगठनों के बीच बैठक होगी।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन एक तरफ जारी है तो दूसरी ओर 26 तारीख के दिन ट्रैक्टर परेड को लेकर तैयारियां भी मुकम्मल हो गई हैं। किसान नेताओं का कहना है कि 26 तारीख के मद्देनजर हजारों की तादाद में ट्रैक्टर परेड करेंगे. महिलाओं का जत्था अलग से परेड़ निकालेगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों का ही मानना है कि बातचीत से ही हल निकलेगा लेकिन हल कब निकलेगा ये नहीं पता। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी की आज होने वाली बैठक में हम नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से कानूनों को वापस लेने और एमएसपी को लेकर मांग है। जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घऱ वापसी नहीं।
इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकालने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह दिल्ली पुलिस को तय करना है कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए या नहीं। शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली पुलिस का है ना कि सुप्रीम कोर्ट का।