राजधानी दिल्ली में बीते सात हफ्तों में पहली बार सोमवार को कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या 1,000 से कम रही। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि रोजाना संक्रमण के घटते मामलों के मद्देनजर लगता है कि दिल्ली कोविड-19 के चरम को छू चुका है। हालांकि, उन्होंने महामारी से निपटने के प्रयासों में किसी भी तरह की ढिलाई को लेकर आगाह किया।
इस बीच, मामलों में कमी के लिए आप तथा भाजपा में श्रेय लेने की होड़ लग गयी है। आप ने नए मामलों में आ रही कमी के लिए ''केजरीवाल मॉडल'' को श्रेय दिया वहीं भाजपा ने कहा कि दिल्ली सरकार के तहत स्थिति बेकाबू होने के बाद केंद्र ने इसे ‘नियंत्रित‘ किया।
मंगलवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस के 954 नए मामले दर्ज किए गए हैं। परीक्षणों की संख्या भी कम रही। बुलेटिन के अनुसार, 11,470 परीक्षण किए गए थे जिनमें 4,177 आरटी-पीसीआर और 7,293 रैपिड एंटीजन परीक्षण थे। पिछले दिनों परीक्षणों की संख्या 19,000 से 22,000 के बीच थी। सवाल पूछे जाने पर कि क्या देश में कोविड-19 अपने पिक को छू चुका है। इस पर गुलेरिया ने कहा, "मेरा मानना है कि कुछ क्षेत्र अपने पिक को छू चुके हैं। दिल्ली में भी ऐसा ही लगता है, जहां मामले घट रहे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसके पिक पर पहुंचना बाकी है। कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं। वे बाद में पिक पर पहुंचेंगे।" वहीं, ताजा बुलेटिन के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से 35 और मरीजों की मौत हो गई और इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 3,663 हो गई।
वहीं, कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,23,747 हो गई। राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या में भी पिछले सप्ताह से लगातार गिरावट आ रही है। यहां अभी 15,166 एक्टिव मामले हैं जो 44 दिनों में सबसे कम है। मरीजों के स्वस्थ होने की दर लगभग 85 प्रतिशत तक पहुंच गई।