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जामिया हिंसा मामले में छह आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन मामले में छह आरोपियों को कोर्ट ने न्यायिक...
जामिया हिंसा मामले में छह आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन मामले में छह आरोपियों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में 30 दिसम्बर तक के लिए जेल भेज दिया। मामले में दस को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जामिया नगर क्षेत्र के दस लोगों को 15 दिसंबर को बर्बरता और हिंसा के मामले में तब गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए कम से कम चार बसों को आग के हवाले कर दिया था।

कोई भी नहीं है स्टूडेंट

एसीपी नॉर्थ वेस्ट और अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल ने ‘आउटलुक’ को बताया कि दस लोगों में से कोई भी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट नहीं है बल्कि सभी शख्स क्रिमिनल बैगराउंड से आते हैं। गिरफ्तार 10 लोगों में से 3 इलाके के बैड कैरेक्टर घोषित क्रिमिनल हैं। वहीं, घटना में कथित संलिप्तता के लिए आप विधायक और अन्य के खिलाफ पुलिस मामले में जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि जो भी इसमें शामिल होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यह है पूरा मामला

दक्षिण दिल्ली में जामिया नगर में प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने और पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। हिंसक भीड़ ने इस दौरान पथराव किया. इस दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया के कई छात्र भी घायल हुए.

आरोप है कि पुलिस कैंपस की लाइब्रेरी में घुसी और छात्रों से मारपीट की, जिसमें कई छात्र घायल हुए। वहीं एक चश्मदीद के मुताबिक, जब बाहर से ज्यादा गैस के गोले आने लगे तो जो छात्र नीचे लाइब्रेरी में थे वो ऊपर आने लगे। फिर 15 मिनट बाद पुलिसवाले अंदर घुसे। उन्होंने दरवाजे तोड़ दिए और फिर वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों से मारपीट करने लगे।

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