अमेरिका और ईरान के बीच गहराए संकट के मद्देनजर भारत ने अपने विमानों को ईरान के एयरस्पेस से नहीं गुजारने का फैसला लिया है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने फैसला लिया है कि भारतीय विमान ईरान के एयरस्पेस से गुजरने से परहेज करेंगे। DGCA ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने ऑल इंडिया ऑपरेटर्स साथ सलाह के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र के तनातनी के कारण प्रभावित हिस्से का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया। निदेशालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एयरलाइन्स फ्लाइट्स के मार्ग का फिर से निर्धारण करेंगी। एयर इंडिया के अश्वनी लोहानी ने कहा है कि निदेशालय की सलाह पर अमल करते हुए फ्लाइट्स के मार्ग का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की फ्लाइट्स पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।
क्या है मामला
हाल ही में ईरान ने अमेरिका ड्रोन को मार गिराया था, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को गिराकर बहुत बड़ी गलती की है। इसके जवाब में ईरान ने भी पलटवार किया है। ईरान ने कहा कि अगर अमेरिका ने ईरान की तरफ एक भी गोली दागी, तो उसको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
भारत ने तैनात किए युद्धपोत
बढ़ते तनाव और समुद्री सुरक्षा से संबंधित इन घटनाओं के बीच भारतीय नौसेना ने ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं ताकि इस क्षेत्र में मौजूद और वहां से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस ऑपरेशन को ‘संकल्प शुरु’ का नाम दिया गया है।
ऑपरेशन‘संकल्प शुरु’ के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को जिम्मेदारी दी गई है कि फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होरमुज-स्ट्रेट से गुजर रहे भारत के जहाजों को सुरक्षित वहां से निकालना है। नौसेना ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके अलावा, भारतीय नौसेना के विमान क्षेत्र में हवाई निगरानी रख रहे हैं।
आईएनएस चेन्नई और सुनयना को ओमान की खाड़ी में किया गया तैनात
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा के मुताबिक, आईएनएस चेन्नई और आईएनएस सुनयना को ओमान की खाड़ी में तैनात किया गया है। ताकि वहां से गुजरने वाले सभी भारतीय जहाज सुरक्षित अपने देश लौट सकें। इसके अलावा भारतीय नौसेना के टोही विमान भी आसमान से नजर रखें हुए हैं कि भारतीय जहाज सुरक्षित वहां से निकल सकें।
फारस की खाड़ी में अमेरिका के युद्धपोत तैनात
कैप्टन शर्मा के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के करीब गुरूग्राम में हिंद महासागर के लिए बने इंफोर्मेशन फ्यूजन सेंटर से भी पूरे खाड़ी-क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, फारस की खाड़ी में अमेरिका के युद्धपोत तैनात हो चुके हैं। ईरानी नौसेना भी इस इलाके में अपनी तैनाती बढ़ा चुकी है। आशंका है कि ईरान और अमेरिकी नौसेना के बीच टकराव की वजह से दूसरे देशों के पोत चपेट में आ सकते है।