एनआईए, आईबी और पटना पुलिस की एसटीएफ द्वारा जारी संयूक्त जांच में ये बात सामने आई है कि दिल्ली से नेपाल तक आतंकी कॉरिडोर बना कर देश को विध्वंश कर देना है। इसके लिए तीन मॉड्यूल अलग- अलग चैप्टर पर काम कर रहा था।
पहला दानिश के नेतृत्व में चल रहे ग्रुप पाकिस्तान से गाइड होता था। दानिश ने कबूल है कि वह पाकिस्तान के सबन्ध में है। उसके ग्रुप में अधिकतर युवा व्हाटसअप से जुड़े हैं। उसके ग्रुप को अब तक 92 लाख की फंडिंग विदेश की विभिन्न एजेंसियों से हुई है और कैश अलग। इसके संगठन का नाम पी एफ आई है। पॉपुलर फ्रंट आर्गेनाइजेशन नाम की इस संस्था में अधिकतर सिमी के ही सदस्य हैं। जिनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बना देने का है। इनकी फंडिंग मि जांच के लिए ईडी को लिखा गया है।
मोतिहारी में मदरसा में पकड़े गए एक मौलवी ने एजेंसी को बताया कि भारत विरोधी 25 सेंटर्स नेपाल से संचालित हो रहे हैं। उनमें भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम कैसे दिया जाए, इस पर ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग कैम्प में बंगाल, झारखंड , यू पी तथा पूर्वोत्तर के राज्यों से युवक आते हैं।
एक परवेज नामक युवक को टैलेंट सर्च के नाम पर जिहादी लड़ाका तैयार करने का काम दिया गया था। जांच एजेंसियों ने पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर 26 लोगों की सूची बनाई है। उनमें 10 गिरफ्तार हो चुके हैं।