भारत ने ब्रिटेन सरकार से अनुरोध किया है कि भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या और शरण मांगे तो उसे अस्वीकार कर दे। भारत सरकार ने कहा है कि वह विजय माल्या के जल्द प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटिश सरकार के संपर्क में है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा कि विजय माल्या के जल्द प्रत्यर्पण के लिए हम ब्रिटेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमने ब्रिटेन के पक्ष से भी अनुरोध किया है कि यदि माल्या की ओर से शरण की अवधि बढ़ाने को लेकर कोई अर्जी उनके पास आती है तो वह उस पर विचार न करें।
शरण के लिए किया है आवेदन
द गार्जियन के मुताबिक, भगोड़े कारोबारी टाइकून माल्या ने यूनाइटेड किंगडम में शरण के लिए आवेदन किया है। भारत के प्रत्यर्पण से बचने के लिए शऱण लेने की माल्या की आखिरी कोशिश है। द गार्जियन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन के अनुच्छेद 3 के तहत माल्या ब्रिटेन में शरण मांगने के लिए आवेदन कर सकता है, जो "अमानवीय या अपमानजनक उपचार या दंड" को प्रतिबंधित करता है।
कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी
इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि "एक और कानूनी मुद्दा" है जिसे विजय माल्या के प्रत्यर्पण की व्यवस्था किए जाने से पहले हल करने की आवश्यकता है। हालांकि इसे गोपनीय बताते हुए इस मुद्दे की जानकारी नहीं दी गई। पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की अपील खारिज हो गई थी और यूके की सर्वोच्च अदालत ने उसे आगे अपील करने से भी रोक दिया था।
माल्या पर 9000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
पूर्व सांसद और देश की सबसे बड़ी शराब कंपनी यूनाइटेड बेवरेजेज के मालिक माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की जो बाद में बंद हो गई। उस पर 9000 करोड़ रुपये के फ्रॉड और मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया। व्यक्तिगत कारण बताकर वह मई 2016 में भारत से चला गया। तब से वह ब्रिटेन में ही रह रहा है। माल्या ने कम से कम 17 भारतीय बैंकों को धोखा देकर कर्ज लिये और अवैध रूप से लोन का पूरा पैसा या एक हिस्सा विदेश में करीब 40 कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया।