चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अली-बजरंग बली के बयान पर और मायावती को मुस्लिम मतदाताओं से की गई अपील को लेकर नोटिस दिया है। आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए इस पर दोनों नेताओं से आज शाम तक जवाब मांगा है।
आयोग ने मायावती को जनप्रतिनिधि कानून के तहत नोटिस जारी किया है। कानून के तहत उम्मीदवार धार्मिक आधार पर मतदान की मांग नहीं कर सकते न मतदाताओं को धर्म के आधार पर मतदान के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के सीएम को यह दूसरा नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले उन्हें मोदीजी की सेना कहने के लिए आयोग ने चेतावनी देते हुए भविष्य में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी थी।
मायावती ने मुसलमानों से की थी अपील
मायावती ने मुसलमानों से सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में वोट देने की अपील करते हुए कहा था कि अगर वे कांग्रेस को वोट देंगे तो इससे उनका वोट बंट जाएगा। मायावती ने कहा था, 'मैं एक खुली अपील करना चाहती हूं। भाजपा से कांग्रेस नहीं, बल्कि गठबंधन लड़ रहा है। कांग्रेस चाहती है कि गठबंधन की जीत न हो। कांग्रेस इस चुनाव में भाजपा की मदद करने की कोशिश कर रही है।'
यूपी के सीएम ने दिया था ये बयान
मेरठ में चुनाव प्रचार के दौरान 9 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ के दिए भाषण पर आयोग ने नोटिस भेजा है। चुनाव प्रचार के दौरान आदित्यनाथ ने कहा था, 'सपा-बसपा को अली में यकीन है। हमें भी यकीन है बजरंगबली में।'
लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान कई बार नेताओं की जुबान मर्यादा की सीमा लांघ रही है। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से कड़ाई से आचार संहिता के पालन का निर्देश बार-बार दिया जाता रहा है।