चुनाव आयोग की तरफ से आम आदमी पार्टी को नोटिस भेजा गया है। इसमें पार्टी के आयकर विवरण और आयोग को दिए गए दस्तावेजों में अंतर बताया गया है। आयोग ने आप को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा है क्यों न उसके खिलाफ नियमों का पालन नहीं करने को लेकर कार्रवाई की जाए। आयोग ने 20 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
आयकर विभाग की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई थी जिसके आधार पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में पारदर्शिता के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है।
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी को चंदे को लेकर पिछले साल आयकर विभाग का नोटिस गया था जिसके बाद आईटी ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया था। आयकर विभाग की ओर से आप को ये नोटिस साल 2014-15 के दौरान पार्टी द्वारा लिए गए चंदे के लिए भेजा गया था। इसमें अप्रैल 2014 के दौरान दो करोड़ रुपये का चंदा भी शामिल है जिस पर काफी लंबे समय से विवाद था।
रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
31 मई 2018 को एडीआर की रिपोर्ट में राजनीतिक दलों को मिलने वाली चंदा के ज्ञात और अज्ञात स्त्रोंतो के बारे में बताया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों की 2016-17 में अज्ञात स्त्रोंतों से 710.80 करोड़ रुपये चंदा मिला जबकि अन्य सभी पार्टियों द्वारा घोषित कुल चंदे की राशि 589.38 करोड़ रुपये है।