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EC को मिले चुनाव से जुड़े नियम बनाने की शक्ति, SC में दाखिल किया हलफनामा

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है, ‘चुनाव से जुड़े नियम बनाने की उसे शक्तियां...
EC को मिले चुनाव से जुड़े नियम बनाने की शक्ति, SC में दाखिल किया हलफनामा

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है, ‘चुनाव से जुड़े नियम बनाने की उसे शक्तियां दी जाएं और स्थायी सचिवालय दिया जाए।‘

आयोग ने पिछले दिनों सरकार से कहा था कि उसके लिए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, कैग और राज्यसभा-लोकसभा की तरह अलग सचिवालय बनाया जाए और उसे नियम बनाने की शक्ति भी दी जाए। चुनाव आयोग ने इस संबंध में सरकार को सिफारिशें भेजी हैं जिन्हें कानून मंत्रालय देख रहा है। अब आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह मांग की है।

आयुक्तों को मिले समान दर्जा

आयोग ने कहा कि निर्वाचन आयोग तीन सदस्यीय होता है लेकिन सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ही सुप्रीम कोर्ट के जज की तरह से महाभियोग के जरिये हटाया जा सकता है। शेष दो आयुक्तों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सिफारिश पर हटाया जाने का प्रावधान है। आयोग का मानना है कि यह गलत है। दोनों आयुक्त मुख्य आयुक्त को सलाह देने के लिए नहीं होते। वे उसके बराबर होते हैं। संविधान में स्वायत्तता सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त के लिए ही नहीं बल्कि पूरे आयोग के लिए सोची गई है। विधि आयोग की रिपोर्ट में भी तीनों आयुक्तों को एक समान दर्जा देने के लिए अनुच्छेद 324(5) को संशोधित करने की मांग की गई है।

राजनीतिक दलों का है हस्तक्षेप

चुनाव आयोग को केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों के दबाव तथा दखल के बीच काम करना पड़ता है जिसके चलते आयोग के अधिकारी चाहकर भी चुनाव सुधारों को तेजी से लागू करने की दिशा में अपने कदम नहीं बढ़ा सकते हैं। अभी चुनाव सुधारों के नाम पर की गई कोई भी सिफारिश मानने और न मानने का निर्णय केंद्र सरकार और कानून मंत्रालय ही करता है। केंद्र की सत्तारूढ़ दल की सरकार को आयोग को इशारों पर चलाने की सहूलियत हासिल है। इसी वजह से कोई भी पार्टी आयोग को स्वायत्तता देने का जोखिम नहीं उठाना चाहता।

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