चुनाव आयोग (ईसी) ने उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट को मशाल चुनाव चिह्न आवंटित किया है और पार्टी का नाम 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' होगा। आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'बालासाहेबंची शिवसेना' आवंटित किया और एकनाथ शिंदे से कल 11 अक्टूबर तक तीन विकल्प मांगे हैं, उसी के आधार पर उन्हें भी कोई चुनावी चिन्ह दिया जाएगा। शिंदे गुट की तरफ से पहले तीन विकल्प दिए गए थे, लेकिन आयोग ने इन्हें रिजेक्ट कर दिया।
ठाकरे के वफादार और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा कि हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं- उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे- को नए नाम में रखा गया है। उद्धव गुट ने पहले ही शिवसेना बाळासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकार ठाकरे और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे जैसे 3 नाम आयोग को अपनी पसंद के तौर पर बताया था। इसके बाद सोमवार शाम को चुनाव आयोग ने सारी जांच पड़ताल कर इसपर अंतिम फैसला दे दिया।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को सीज कर दिया। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को उपलब्ध प्रतीकों में से चुनने और सोमवार दोपहर 1 बजे तक अपने अंतरिम मार्करों के लिए तीन विकल्प प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे की जंग तीखी होती जा रही है. इसकी शुरुआत तो सत्ता परिवर्तन के साथ हो गई थी जब उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर भी उद्धव और शिंदे के बीच में एक लंबी कानूनी लड़ाई देखने को मिल गई थी. बाद में जीत जरूर उद्धव ठाकरे की हुई लेकिन दोनों ही रैलियों में आई बड़ी भीड़ ने दावों का दौर फिर शुरू कर दिया।