Advertisement

आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में ज्यां द्रेज को पुलिस ने हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा

सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज समेत तीन लोगों को पुलिस ने झारखंड के गढ़वा जिले से...
आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में ज्यां द्रेज को पुलिस ने हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा

सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज समेत तीन लोगों को पुलिस ने झारखंड के गढ़वा जिले से हिरासत में लिया है। ये तीनों अपने भोजन के अधिकार अभियान के तहत गढ़वा के बिशुनपुरा में जनसभा करने गए थे। कार्यक्रम शुरू करने से पहले ही स्थानीय पुलिस ने ज्यां द्रेज, विवेक और एक अन्य को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए। तीनों को बिशुनपुरा थाना में रखा गया हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।

नहीं थी सभा करने की इजाजत’

गढ़वा के डीसी हर्ष मंगला ने बताया कि प्रशासन की तरफ से ज्यां द्रेज और उनके साथियों को किसी भी तरह की सभा करने की अनुमति नहीं दी गई थी, इसके बावजूद ये लोग सभा कर रहे थे, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया।

ज्यां द्रेज ने कुछ महीने पहले झारखंड में किया था खुलासा

ज्यां द्रेज ने कुछ महीने पहले झारखंड में जिन लोगों का आधार से पेंशन, राशन कार्ड, जॉब कार्ड लिंक नहीं हुआ है, वैसे लाभार्थियों को लाभ से वंचित किए जाने का खुलासा किया था। झारखंड में जॉब कार्ड, राशन कार्ड या पेंशनर को फर्जी बताया गया है और इस मद में बची हुई राशि को सरकार आधार इनेबल सेविंग कहकर खुद की वाहवाही लूट रही है। इतना ही नहीं झारखंड में आधार कार्ड से लिंक नहीं होने के कारण हजारों जॉब कार्ड भी कैंसिल कर दिए गए हैं।

ज्यां द्रेज ने आरोप लगाया था कि 2017 में मोदी सरकार ने कहा कि आधार की वजह से 100 करोड़ रुपए बचाए, लेकिन आरटीआई से प्राप्त सूचना से जानकारी मिली ‌कि झारखंड सरकार ने जिस तरीके से राशन कार्ड फर्जी बताकर राशन कार्ड को कैंसिल किए, उसमें 12 फीसदी ही गलत थे। इसके कारण जरूरतमंदों को उनके राशन के अधिकार से वंचित हो जाना पड़ा था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad