प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी. चिदंबरम से एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले पूछताछ करने के लिए उनको हिरासत में लेने की मांग की है। ईडी के अनुसार चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसी मामले में इडी ने न्यायालय में उनकी अग्रिम जमानत का भी विरोध किया।
मामले की अगली सुनवाई विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत में कल होगी। इससे पहले 8 अक्टूबर को कोर्ट ने 1 नवंबर तक पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। दोंनों लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस सीबीआइ और ईडी ने दर्ज कर रखे हैं।
जबकि चिदंबरम गिरफ्तारी से बचने के लिए इस साल मई के अंत से कोर्ट में अर्जी लगा रहे हैं जिन पर उन्हें अलग-अलग समय पर राहत भी मिली है।
ईडी ने इसी महीने की 25 तरीख को एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था।
क्या है मामला
कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच सीबीआइ और ईडी कर रही है। उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई की सिफारिशों के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी को नजरअंदाज कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि यह डील 3500 करोड़ रुपये की थी।