दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों और आंतकवादियों के बीच हुई मुठभेड में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ में सुरक्षा बल का एक जवान भी घायल हो गया जिसे 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन शोपियां में मोबाइल फोन एवं इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयीं।
सुरक्षा बलों ने आज सुबह आतंकवादियों की उपस्थित होने के बाद घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने शोपियां के मनिहाल गांव में संयुक्त रूप से तलाश एवं घेराबंदी अभियान शुरू किया।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल गांव से बाहर जाने के सभी रास्तों को सील करने के बाद जब छिपे हुए आतंकवादियों की ओर बढ़ रहे थे तभी आंतकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर गोली बारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई करने पर मुठभेड़ शुरू हो गयी। घर में छिपे हुए आतंकवादियों से सुरक्षा बलों ने आत्मसमर्पण करने को कहा।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर एक आतंकवादी की पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों को लाया गया। आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों ने भी उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा लेकिन आतंकवादियों ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी।
आईजीपी ने कहा, “दोनों ओर से गोलीबारी होने के दौरान चारों आतंकवादी मारे गए। सभी चाराें आतंकवादियों का एलईटी से संबंध था। वे हालांकि खुद को लश्कर-ए-मुस्तफा कहते थे, उन्हें सेना के रिकॉर्ड में लश्कर के आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।”
कुमार ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से एक ए के राइफल, तीन पिस्टल और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान रईस अहमद भट के रूप में की गयी जो पिछले साल से सक्रिय है। अमीर शफी मीर पिछले महीने, रकीब अहमद मलिक पिछले साल से और आफताब अहमद वानी पिछले साल नवंबर से आतंकवादी करतूतों में शामिल थे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एक घर जहां से आतंकवादी गोलीबारी कर रहे थे, ऑपरेशन के दौरान विस्फोट किया गया। इलाके में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और पुलिस के जवान तैनात किये गये।
आईजीपी ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन किया जा रहा है और स्थानीय आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के मौके दिए जाते हैं। सुरक्षा बल एसओपी का अनुसरण कर रहे हैं, नौ मुठभेड़ों के दौरान कोई नागरिक को कोई क्षति नहीं पहुंची है।