इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 के अवशेष लेकर आज भारत पहुंच गए हैं। बगदाद एयरपोर्ट से विमान ने उड़ान भरी और सबसे पहले अमृतसर में लैंड हुआ। इसके लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह रविवार को इराक गए थे, जहां उन्हें सभी के अवशेष सौंप दिए गए हैं। इनमें पंजाब के 27, बिहार के छह, हिमाचल के चार और बंगाल के दो लोग शामिल हैं।
Punjab: Mortal remains of the 38 Indians who were killed in Iraq, brought to Amritsar pic.twitter.com/ALGLHvZ67S
— ANI (@ANI) April 2, 2018
यह कोई फुटबॉल का खेल नहीं- वीके सिंह
अमृतसर पहुंचकर वीके सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यह कोई फुटबॉल का खेल नहीं है, राज्य और केंद्र सरकार दोनों संवेदनशील है। विदेश मंत्रालय ने पीड़ित परिवार से सदस्यों का विवरण देने को कहा था, जिन्हें नौकरी आदि दी जा सके। हम मामले की समीक्षा करेंगे।'
This is not a game of football, Both state and central govt are sensitive govts, EAM had asked the families for the details of their members who can be given jobs etc, we will review: VK Singh,MoS MEA on whether kin of the 38 Indians will be given jobs pic.twitter.com/J0ryINOc1P
— ANI (@ANI) April 2, 2018
ये कोई बिस्किट बांटने का काम नहीं है- वीके सिंह
इस दौरान उन्होंने मारे गए लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने के सवाल पर कहा कि ये कोई बिस्किट बांटने का काम नहीं है। सिंह ने कहा ये आदमियों के जिंदगी का सवाल। मैं अभी ऐलान कहां से करूं। सिंह ने कहा कि जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा है।
मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये और सरकारी नौकरी- सिद्धूू
प्रेस कांफ्रेंस में पंजाब सरकार के मंत्री नवजोद सिंह सिद्धू ने कहा, सरकार इराक में मारे गए पंजाब के 27 लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की रकम, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। इसके अलावा परिवारों की दी जा रही 20 हजार की पेंशन भी जारी रहेगी।
Ex-gratia compensation of Rs 5 lakh per family, job for one person per family will be given and current pension of Rs 20,000 to continue: Punjab Minister Navjot Singh Sidhu on compensation for 27 of 39 Indians killed in Iraq who were from Punjab pic.twitter.com/KIaHKBrzR5
— ANI (@ANI) April 2, 2018
सिंह ने खुद विमान में ताबूतों को रखने में दिया सहारा
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह सोमवार दोपहर इराक से 38 भारतीयों के अवशेष लेकर भारत लौट आए हैं। उनका स्पेशल प्लेन अमृतसर में लैंड हुआ। भारत लौटने के दौरान इराक में सिंह ने खुद विमान में ताबूतों को रखने में सहारा दिया।
Bodies of 38 Indians to be brought back from #Iraq today
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— ANI Digital (@ani_digital) April 1, 2018
पीड़ित परिवारों से ताबूत नहीं खोलने की सलाह दी
अवशेष के साथ सबूत भी उपलब्ध कराए जाएंगे
जानकारी के मुताबिक, 39वें शव के डीएनए सहित अन्य जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में इसके लिए बाद में प्रयास किया जाएगा। वीके सिंह ने बताया कि परिजनों को किसी प्रकार का शक न हो, इसलिए शव सौंपते समय उन्हें सबूत भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
पहले अमृतसर जाएगा विमान
वहीं, इराक में भारत के राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने बताया कि अवशेषों के ताबूतों को बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान में रखवा दिया गया है। यह विमान आज (सोमवार) दोपहर तक अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। इसके बाद विमान पटना तथा कोलकाता पहुंचेगा, जहां परिजनों को शव सौंपे जाएंगे।
अमृतसर के बाद कोलकाता
अमृतसर के बाद विमान कोलकाता के लिए उड़ान भरेगा, जहां शाम 5.30 बजे पहुंचेगा। यहां से विमान सीधे पटना जाएगा और रात करीब 8.30 बजे यहां पहुंच जाएगा।
शवों की पहचान डीएनए जांच से हुई
गौरतलब है कि गत माह यानी मार्च की शुरुआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को बताया था कि जून 2014 में इराक के मोसुल से आइएस ने 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था। उनमें से एक व्यक्ति खुद को बांग्लादेशी मुस्लिम बता कर वहां से निकल आया और बाकी 39 भारतीयों की हत्या कर दी गई। उनके शवों की पहचान डीएनए जांच से हुई है।
विपक्ष ने सुषमा पर लगाया था देश को गुमराह करने का आरोप
संसद में दिए गए सुषमा स्वराज के इस बयान के बाद विपक्ष ने सुषमा पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था। लेकिन सुषमा स्वराज का कहना था कि उनके पास उन भारतीयों के जीवित या मृत होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं थे। इसलिए बगैर प्रमाण वह किसी को मृत घोषित नहीं कर सकती थीं।