पूर्व सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार पर “फसल ऋण माफ नहीं करने” का आरोप लगाया और दावा किया कि असहाय किसान “कीड़ों की तरह मर रहे हैं”। उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी किसान इस तरह के कदम उठा लें, सरकार “बेशर्म” बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा करके किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि कर्जमाफी नहीं होगी। 28 मार्च को पुणे के बारामती में एक कार्यक्रम में बोलते हुए पवार ने कहा था कि राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति फसल ऋणमाफी की अनुमति नहीं देती है और उन्होंने किसानों से इस संबंध में घोषणा का इंतजार करने के बजाय समय पर किस्तों का भुगतान करने को कहा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित एक फेसबुक पोस्ट में शेट्टी ने कहा कि परभणी जिले के सचिन जाधव नामक किसान ने हाल ही में अपनी बहन की शादी के लिए लिया गया कर्ज चुकाने में विफल रहने के कारण खुद को फांसी लगा ली। किसान नेता ने पोस्ट में कहा कि इसके बाद सचिन की 7 महीने की गर्भवती पत्नी ने भी अपनी जान दे दी और अपनी 3 और 5 साल की बेटियों को उनके हाल पर छोड़ दिया।
उन्होंने कहा, "सचिन ने (पवार की किसानों से अपील के बाद) किसी तरह 15 दिन गुजारे और फिर आत्महत्या कर ली।" शेट्टी ने यह भी कहा कि वह दंपति की दो बेटियों की देखभाल करेंगे। उन्होंने लिखा, "कर्ज के दबाव में किसान कीड़ों की तरह मर रहे हैं। यह महाराष्ट्र के लिए कोई नई बात नहीं है। धोखेबाजों को करोड़ों रुपये की छूट मिल जाती है, लेकिन किसानों को कुछ हजार रुपये के लिए खुद को आग लगानी पड़ती है।"
शेट्टी ने कहा कि जब वह सचिन के घर गए तो उन्होंने देखा कि घर की दीवारें टूटी हुई थीं, छत जंग लगी हुई थी और बर्तन टूटे हुए थे। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री की बेटी ने 10वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। आप और पूरा महाराष्ट्र उसकी सफलता का जश्न मना रहा है। मुख्यमंत्री को खुद से पूछना चाहिए कि इन लड़कियों (सचिन की) का क्या दोष है।"