कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुराड़ी जाने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है। किसान संगठन बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है।
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता सुरजीत सिंह ने कहा बुराड़ी में खुली जेल में जाने के बजाय, हमने तय किया है कि हम दिल्ली में 5 मुख्य प्रवेश बिंदुओं को अवरुद्ध करके दिल्ली का घेराव करेंगे। हमारे साथ 4 महीने का राशन है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। हमारी संचालन समिति सब कुछ तय करेगी।
उन्होंने सिंह ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। हमें इस बात के सबूत मिले हैं कि बुराड़ी ओपन जेल है। उत्तराखंड किसान संघ के अध्यक्ष से दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उन्हें जंतर मंतर ले जाया जाएगा लेकिन उन्हें बुराड़ी मैदान में ले जाकर बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक दल को जगह नहीं देंगे। हम लोग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं चाहे वह कांग्रेस , भाजपा, आप या किसी भी पार्टी का हो, हम किसी को अपना मंच नहीं देंगे। हमारी समिति अन्य संगठनों को, जो हमारा समर्थन कर रही हैं, बोलने के लिए अनुमति देंगी यदि वे हमारे नियमों का पालन करते हैं।
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से 3 दिसबंर से पहले बातचीत का प्रस्ताव रखा था जिसे किसानों ने खारिज कर दिया। इसके अलावा कृषि मंत्री ने किसानों को बातचीत करने के लिए कहा है लेकिन किसानों ने बिना शर्त बातचीत की बात कही है।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है लेकिन किसानों ने सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर ही डेरा डाल रखा है।