किसान आंदोलन का आज 19वां दिन है। किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। सभी प्रदर्शनकारी किसान संघों के प्रमुख आज भूख हड़ताल पर हैं। ये हड़ताल शाम पांच बजे तक रहेगी। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है। हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
फिक्की की 93वीं वार्षिक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि कि हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं। हमारी सरकार हमेशा चर्चा और बातचीत के लिए खुली है।
उन्होंने कहा कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र रहा है जो महामारी के दुष्प्रभावों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे अच्छा है। हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं।
किसानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास की बात कही है। ट्वीटर पर उन्होंने लिखा, "उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।"
केंद्र नए कृषि संबंधी कानूनों में संशोधन की बात कह रही है। वहीं, किसान संगठन इसे रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
नए कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, राजधानी दिल्ली, हरियाणा समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
दिल्ली में भी सिंघु, टिकरी, गाजीपुर सीमा पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं, किसानों ने कई हाइवे को जाम कर दिया है।