दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन को आज 7 महीने पूरे हो गए हैं। इस मौके पर किसानों ने आज देशभर में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन किसान किया। किसान संगठनों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया। किसानों ने धमकी दी थी कि उपराज्यपाल से नहीं मिलने दिया तो दिल्ली कूच करेंगे। लेकिन उपराज्यपाल से बातचीत के बाद किसानों ने इसे रद्द कर दिया। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने अगले महीने 2 और रैलियों का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 9 और 24 जुलाई को भी ट्रैक्टर रैलियों का आयोजन किया जाएगा।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'आज की मीटिंग में हमने अपने आंदोलन के विस्तार का फैसला किया है। हमने 2 रैलियों के आयोजन का फैसला किया है। 9 जून की रैली में शामली और बागपत के लोग मौजूद रहेंगे। यह 10 जुलाई को सिंघु बॉर्डर पहुंचेगी।' उन्होंने आगे कहा, 'इसके अलावा 24 जुलाई को एक और रैली का आयोजन होगा। इसमें मेरठ और बिजनौर के किसान शामिल होंगे। 25 जुलाई को यह रैली गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेगी।'
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि नॉर्थ ईस्ट डीसीपी दफ्तर में किसानों की उपराज्यपाल से वर्चुअल मीटिंग कराई गई। उनके सचिव ने आकर ज्ञापन स्वीकार किया जिसके बाद दिल्ली कूच का फैसला टाल दिया गया।
किसानों के प्रदर्शनों के बीच राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की अफवाहें भी फैल गईं, जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने सफाई भी दी। पुलिस ने टिकैत की गिरफ्तारी की खबर रों को फर्जी बताया। पुलिस ने कहा कि अगर कोई इस तरह की फेक न्यूज फैलाता है तो उसके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।
बता देंक हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में किसान सात महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के इस प्रदर्शन के शनिवार को सात महीने पूरे हुए हैं, जिस वजह से किसानों ने राज्यपालों से मिलकर ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे और एमएसपी पर कानून बनाए। हालांकि, सरकार इन कानूनों को तकरीबन डेढ़ साल तक टालने का प्रस्ताव दे चुकी है।