देश के मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है। यूएई से कोल्लम लौटे एक व्यक्ति को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.। मरीज के माता-पिता को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में निगरानी में रखा गया है। वहीं, मंकीपॉक्स को लेकर आज ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूष ने राज्यों को पत्र लिखा है और इसके लिए बनी गाइडलाइंस का पालन करने के लिए कहा है।
वीणा जॉर्ज ने कहा कि इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए हैं और वह विदेश में इस संक्रमण के एक मरीज के करीबी संपर्क में रहा था। संक्रमित व्यक्ति की हालत अभी स्थिर है। संक्रमित व्यक्ति 12 जुलाई को राज्य में पहुंचा था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है और इसके लक्षण चेचक के मरीजों के जैसे होते हैं। हालांकि इसका संक्रमण चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.। संगठन के मुताबिक, 2 जून तक दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स के 780 मामले सामने आ चुके हैं। 29 मई तक 257 मामले सामने आए थे, जबकि 2 जून तक इनकी संख्या बढ़कर 780 पर पहुंच गई। राहत की बात ये है कि अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्यों से मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए सभी ऐतिहाती कदम उठाने का आग्रह किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले 31 मई को इसी तरह का पत्र लिखा था। उसमें संक्रामक रोग मंकीपॉक्स के प्रबंधन पर दिशानिर्देशों का एक पूरा सेट जारी किया था। उन्होंने पत्र में राज्यों से प्रवेश द्वारों पर स्वास्थ्य जांच दल, रोग निगरानी दल, अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों को सामान्य लक्षणों की जांच करने को कहा गया है। केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से संदिग्ध मामलों की जांच करने को कहा है।