तेलुगु देशम पार्टी द्वारा राजग सरकार से अलग होने की चेतावनी के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नई दिल्ली में कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों के बराबर आर्थिक मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जेटली ने कहा कि वह इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश को आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विभाजन के समय किए गए सारे वादे पूरे करेगी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा विशेष राज्य का दर्जा देने के वादे को पूरा नहीं करने के आरोप पर जेटली ने कहा जब 2014 में राज्य का बंटवारा हुआ था तब ऐसी श्रेणी मौजूद थी। लेकिन 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों और तीन पहाड़ी राज्यों को ही ऐसा दर्जा दिया जा सकता है।
विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिए 90 फीसदी धन दिया जाता है जबकि सामान्य राज्यों को इसके लिए 60 फीसदी राशि दी जाती है। शेष धन राज्य खुद जुटाते हैं।
जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी के राज्यों की तरह 90 फीसदी धन देने को वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक भावनाओं से धनराशि पर फैसला नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार लगातार कहती आई है कि हम अतिरिक्त मदद देने के लिए तैयार हैं।
जब जेटली से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस वादे के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने सत्ता में आने पर राज्य को विशेष दर्जा देगी तो उन्होंने कहा कि उन्हें 14वें वित्त आयोग की संवैधानिक सिफारिशों को पालन करना है। लेकिन हम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के बराबर धन देने को प्रतिबद्ध हैं। राज्य के राजस्व घाटा को पूरा करने के सवाल पर जेटली ने कहा कि केंद्र ने 4,000 करो़ड़ रुपये दे दिए हैं और केवल 138 करोड़ रुपये बाकी हैं।