सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से जुड़े 139.35 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में दलीलें पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव समेत 99 आरोपियों की किस्मत का फैसला 15 फरवरी को होगा। मामले में 26 साल सुनवाई चली।
139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में प्राथमिकी के 9 साल बाद 26 सितंबर 2005 को लालू प्रसाद समेत 148 के खिलाफ आरोप तय किया गया था। चारा घोटाला के चार मामलों में 14 साल जेल की सजा काट चुके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भी पांचवें और आखिरी मामले में आरोपी हैं। विशेष सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने यादव सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी। दिन के दौरान अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस पूरी की गई।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कहा कि फैसले के दिन सभी आरोपियों को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया है। मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। लालू यादव के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। राजद सुप्रीमो, जिन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, ने दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत पर है।