विदेश मंत्रालय ने कर्नाटक में चल रहे ड्रेस कोड विवाद को लेकर कुछ देशों की आलोचना पर गुरुवार को अपना रुख दोहराया और कहा कि ये भारत का आंतरिक मामला है और इस पर बाहरी लोगों की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं होगी।
मीडिया ब्रीफिंग में हिजाब विवाद पर एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत का आंतरिक मामला होने के चलते विदेश मंत्रालय का इससे कोई नाता नहीं है। किसी बाहरी व्यक्ति या किसी अन्य देश द्वारा इस पर किसी भी टिप्पणी का स्वागत नहीं है।.”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में एक संवैधानिक तंत्र, न्यायिक प्रणाली और लोकतांत्रिक लोकाचार है जो ऐसी चीजों के समाधान खोजने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "और यह मुद्दा विचाराधीन है। कर्नाटक उच्च न्यायालय इस पर विचार कर रहा है।"
बागची ने कहा कि आंतरिक मुद्दों और भारत के संविधान और इसके लोगों से संबंधित मामलों पर बाहरी लोगों की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं होगी। भारत ने पिछले हफ्ते भी कुछ देशों की आलोचना को खारिज कर दिया था और कहा था कि देश के आंतरिक मुद्दों पर "प्रेरित टिप्पणियों" का स्वागत नहीं किया जाता है।
बागची ने कहा था कि जो लोग भारत को अच्छी तरह से जानते हैं, उन्हें वास्तविकताओं की उचित समझ होगी। भारत का ये बयान इस्लामिक संगठन के उस ट्वीट के बाद आया है जिसमें भारत में मुसलमानों के हालात पर चिंता जताई गई थी। आईओसी ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘इस्लामिक सहयोग संगठन का सचिवालय यह मांग करता है कि भारत मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा, उनके हितों का ख्याल रखे। इस्लाम को मानने वाले लोगों की जीवनशैली की रक्षा करे। इसके अलावा हिंसा के लिए उकसाने वाले लोगों और हेट क्राइम करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए।