पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आवंटित सरकारी बंगला 4, विक्रमादित्य मार्ग कल शाम ही खाली करना शुरू कर दिया था। इस सरकारी आवास से तीन-चार ट्रक में सामान भरकर बाहर निकला। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दिए जाने संबंधित कानून को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा था कि यूपी मिनिस्टर्स (सैलरी, अलाउंएंस एंड मिसलेनियस प्रोविजन) एक्ट 1981 की धारा- 4(3) गैर संवैधानिक है और ये संविधान के अनुच्छेद-14 समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी की याचिका पर दिए गए फैसले में कोर्ट ने कहा था कि एक बार पद से हटने के बाद मुख्यमंत्री भी एक आम नागरिक ही होता है। कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी बंगला खाली करना था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राज्य संपत्ति विभाग की ओर से दिए गए नोटिस में बंगला खाली करने का 15 दिन का समय दिया गया था। नोटिस की मियाद दो जून को पूरी होने वाली है। हालाकि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव ने अब अपने सरकारी बंगलों को खाली करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से पर्याप्त समय भी मांगा है। अखिलेश यादव ने कोर्ट में दी अर्जी में परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त वैकल्पिक समय दिया जाने की दलील दी है तो मुलायम सिंह यादव ने सुरक्षा, उम्र और खराब स्वास्थ का हवाला दिया है।
सम्पदा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में राजनाथ सिंह समेत छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने का अनुरोध किया था।