एक वीडियो में जजो और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ यौन हिंसा की धमकी वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपों में कोलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व विवादास्पद जस्टिस सी एस कर्णन को बुधवार को तमिलनाडु की साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जस्टिस कर्णन के खिलाफ पुलिस ने एक माह पहले ही यह मामला दर्ज किया था। साइबर क्राइम विंग ने उन्हें अवादी उप नगर में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी मद्रास हाई कोर्ट की खंड पीठ के आदेश के एक दिन बाद की गई है।
जस्टिस एम सत्यनारायणन और आर हेमलता, बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु एवं पुड्डुचेरी द्वारा दायर एक मामले पर सुनवाई कर रही थी कि कर्णन के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस क्यों देरी कर रही है। खंड़पीठ ने पुलिस महानिदेशक और चेन्नई सिटी पुलिस आयुक्त को भी सात दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का भी निर्देश दिया है।
पिछले महीने मद्रास हाई कोर्ट में तमिलनाडु बार काउंसिल की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में मद्रास और कोलकाता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज सी एस कर्णन के खिलाफ जजों की पत्नियों, महिला वकीलों और अदालत की महिला स्टाफ को बलात्कार की धमकियां देने और यौन टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा गया है कि वायरल वीडियो में दिया गया जस्टिस कर्णन का कथित बयान एक महिला को अपमानित करने के बराबर हैं। इसलिए इस विडियो को उनपर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत के तौर पर लिया जाए।
जस्टिस कर्णन पहले ही न्यायपालिका पर अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं। 9 मई 2017 को सात जजों की बेंच ने जस्टिस कर्णन को अवमानना का दोषी मानते हुए छह महीने की सजा सुनाई थी, लेकिन वह फरार थे। बाद में उनकी गिरफ्तारी हुई।