पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और रतन टाटा ने 'प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन' का दिल्ली में शुभारंभ किया। फाउंडेशन का उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करना है। भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त होने के नौ महीने बाद, प्रणब मुखर्जी एक और भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
Former President Pranab Mukherjee and Ratan Tata launch 'Pranab Mukherjee Foundation' in #Delhi. The Foundation aims to work in the field of research, education, and rural development. pic.twitter.com/UpLEz0TdfP
— ANI (@ANI) March 15, 2018
प्रणब के पूर्व सचिव और निकट सहयोगी ओमिता पॉल इसके निर्देशक के रूप में काम करेंगे। पॉल का कहना है कि हमारा एक छोटा सा सेट होगा, लेकिन हम बहुत से लोगों के साथ सहयोग करेंगे। हमारा उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए भारत को एक जीवंत स्थान बनाना है। हम भी स्मार्ट गांवों को बनाने पर काम करना चाहते हैं।
देश के शीर्ष पद से रिटायर होने के बाद प्रणब मुखर्जी के नाम से ये स्थापना एक असधारण काम है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नाम से भी एक संस्थान इसी तरह काम करता है। जिसको सिविल इनोवेटर्स और युवा नेताओं को कौशल प्रदान करना है। इससे पहले भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और बिल क्लिंटन के नाम से संस्थाएं स्थापिक की जा चुकी हैं।
83 वर्षीय मुखर्जी, राष्ट्रपति भवन में अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा और शोध के मानक में सुधार के प्रति भावुक थे। इसके लिए वो केंद्रीय विश्वविद्यालयों के उपाध्यक्ष और आईआईटी और अन्य प्रमुख संस्थानों के प्रोफेसरों के साथ बातचीत करते आ रहे थे।
फाउंडेशन के दौरान राजनीतिक जगत के कई दिग्गज मौजूद रहे। सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी मौजूद रहे।
#Delhi: Sonia Gandhi, Congress President Rahul Gandhi, former President Pranab Mukherjee, former PM Manmohan Singh, former Vice President Mohd Hamid Ansari, Ratan Tata, LK Advani & other leaders at the launch event of Pranab Mukherjee Foundation. pic.twitter.com/11SrWsybSh
— ANI (@ANI) March 15, 2018
मुखर्जी ने राजनीति में शामिल होने से पहले एक कॉलेज में एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। विभिन्न मंत्रालयों में जाने के बाद, उन्हें 2012 में राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।