सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी ने मंगलवार को अपने ट्रांसफर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वह सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ लगे रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे थे। उन्होंने कोर्ट में कहा कि राकेश अस्थाना के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
बस्सी ने कहा कि अस्थाना के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जब मैंने सबूत एकत्रित कर लिए थे तो जांच प्रभावित करने के लिए दुर्भावना से ट्रांसफर अंडमान निकोबार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एसआईटी का गठन किया जाए।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस के एम जोसफ की पीठ ने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे। मामले में 2 नवम्बर को सुनवाई होगी।
पिछले हफ्ते डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने पर मचे बवाल के बाद बस्सी को पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर कर दिया गया था। अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में बस्सी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि बस्सी आलोक वर्मा के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने बीते दिनों अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है और सीबीआई ने अपने ही दफ्तर में छापा मारकर अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई डायरेक्टर मामले में सीवीसी कर रही है जांच
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को अचानक छु्ट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 26 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। दौरान सीनियर एडवोकेट फली नरीमन ने आलोक वर्मा की पैरवी की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ सीवीसी 2 हफ्ते में जांच पूरी करे। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होनी है।
बदले अधिकरियों के नाम कोर्ट ने मांगे
इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीवीसी, केंद्र सरकार और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को उनकी याचिकाओं के संबंध में नोटिस जारी किए हैं तथा सीबीआई को मामले में बदले गए पांच जांच अधिकारियों की जानकारी बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपने को कहा है।