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प्रोफेसर भानु मेहता के इस्तीफे पर बोले RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन- भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लगा बड़ा झटका

हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और विख्यात राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु...
प्रोफेसर भानु मेहता के इस्तीफे पर बोले RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन- भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लगा बड़ा झटका

हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और विख्यात राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता ने पिछले दिनों इस्तीफा दिया। उनके समर्थन में एक अन्य प्रोफेसर अरविंद सुब्रमण्यन ने भी इस्तीफा दे डाला। इस पर प्रतिक्रया देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है, "भारत में इस हफ़्ते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बड़ा झटका लगा है।"

भानु प्रताप मीडिया में प्रकाशित अपने कॉलम और स्तंभों में सरकार के कटु आलोचक रहे हैं। प्रो प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे पर बवाल थम नहीं रहा है। इस पूरे मामले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ा जा रहा है। प्रोफेसर्स के इस्तीफे के बाद यहां के स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के विरोध में उतर गए हैं। यूनिवर्सिटी की दूसरी फैकल्टी भी प्रो. मेहता के समर्थन में आ गई है।

राजन ने ट्वीट कर लिखा कि "अशोका विश्वविद्यालय इस हफ़्ते तक अगले एक दशक में केंब्रिज, हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड को टक्कर देने की क्षमता रखता था लेकिन इस हफ़्ते के कदम के बाद इसकी उम्मीद कम रह गई है।" उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी अशोक विश्वविद्यालय की आत्मा है, लेकिन क्या अपनी आत्मा को बेचने से दबाव समाप्त हो जाएगा। यह निश्चित रूप से भारत के लिए एक बुरा घटनाक्रम है। देश के बेहतरीन राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर मेहता ने अशोक विश्विविद्यालय से इस्तीफा दे दिया है।

रघुराम राजन ने प्रताप भानु मेहता को देश के बेहतरीन राजनीति विज्ञानियों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा कि राजन ने कहा, ''सचाई यह है कि प्रोफेसर मेहता किसी संस्थान के लिए कांटा थे। वह कोई साधारण कांटा नहीं हैं, बल्कि वह सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के लिए अपनी जबरदस्त दलीलों से कांटा बने हुए थे।

शिकॉगो विश्वविद्यालय, बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने कहा, ''अभिव्यक्ति की आजादी अशोक विश्विविद्यालय की आत्मा है। इस पर समझौता कर विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने आत्मा को चोट पहुंचाई है।''

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