दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट और इंडिगो की फ्लाइट्स पांच सितंबर से टर्मिनल 2 की जगह टर्मिनल 3 से उड़ान भरेंगी। दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-2 में कुछ बदलाव कर रहा है ताकि उसकी क्षमता बढ़ सके।
हवाई अड्डे का संचालन करने वाली कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने सोमवार को बताया कि स्पाइसजेट की टर्मिनल-2 पर आने-जाने वाली सभी उड़ानें चार और पांच सितंबर की आधी रात से टर्मिनल-3 पर चली जायेंगी। इंडिगो की कुछ घरेलू उड़ानें टर्मिनल-2 पर बनी रहेंगी और कुछ उड़ानों को टर्मिनल-3 पर स्थानांतरित किया जायेगा। टर्मिनल-1 की उड़ानों में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
तीन टर्मिनल्स से भरी जाती हैं उड़ान
दिल्ली हवाई अड्डे पर तीन टर्मिनल हैं। टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 पर घरेलू उड़ानों की आवाजाही रहती है जबकि टर्मिनल-3 से सभी इंटरनेशनल और कुछ घरेलू उड़ानों का परिचालन होता है। इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर की घरेलू उड़ानें अभी पूरी तरह दोनों घरेलू टर्मिनलों पर हैं। स्पाइसजेट और इंडिगो की उड़ानें टर्मिनल-1 और 2 दोनों पर हैं जबकि गोएयर की सभी उड़ानें टर्मिनल-2 पर हैं। निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की सेवाएं अप्रैल में बंद होने के बाद से टर्मिनल-3 पर अतिरिक्त उड़ानों की संभावना बनी है।
टर्मिनल-2 का होगा विस्तार
डायल ने बताया कि इंडिगो की 5000 नंबर सीरीज की सभी उड़ानें इंटरनेशनल टर्मिनल पर चली जायेंगी। इंडिगो और स्पाइस जेट की तय उड़ानों के स्थानांतरण के बाद टर्मिनल-2 पर 27 प्रतिशत बोझ कम होगा। इसके बाद उसका क्षमता विस्तार किया जायेगा। अभी इस टर्मिनल की क्षमता सालाना डेढ़ करोड़ यात्रियों की है जिसे बढ़ाकर 1.8 करोड़ यात्री किया जायेगा।