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बीपीएल परिवारों के लिए पेंशन योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का किया गया दुरुपयोग: सीएजी रिपोर्ट

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की...
बीपीएल परिवारों के लिए पेंशन योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का किया गया दुरुपयोग: सीएजी रिपोर्ट

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) से कई करोड़ रुपये निकाले गए। एनएसएपी को 1955 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था और इसमें वृद्धावस्था के लिए पेंशन योजनाएं शामिल हैं। 2017-18 से 2020-21 तक एनएसएपी के प्रदर्शन ऑडिट पर सीएजी रिपोर्ट मंगलवार को लोकसभा में पेश की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है,“एनएसएपी के तहत आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के लिए निर्धारित ₹ 2.83 करोड़ की धनराशि को अन्य योजनाओं के प्रचार के लिए भेज दिया गया। इसके अलावा, छह राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 57.45 करोड़ रुपये अन्य योजनाओं/उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किए गए।''

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एनएसएपी के धन आवंटन के तहत, विभिन्न उप-योजना के तहत पेंशन के वितरण के लिए, तीन प्रतिशत प्रशासनिक व्यय के लिए था। “ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जनवरी 2017 में मंत्रालय के सभी कार्यक्रमों/योजनाओं को उचित प्रचार देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होर्डिंग्स के माध्यम से अभियान चलाने का निर्णय लिया। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक राजधानी शहर में 10 होर्डिंग्स की सीमा के साथ, होर्डिंग्स के माध्यम से प्रचार अभियान के लिए 39.15 लाख रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और वित्तीय मंजूरी ली गई (जून 2017)। 19 राज्यों के प्रत्येक जिले में पांच होर्डिंग्स के माध्यम से ग्राम समृद्धि, स्वच्छ भारत पखवाड़ा और मंत्रालय की कई योजनाओं की प्रचार सामग्री के प्रचार के लिए 2.44 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और व्यय मंजूरी ली गई (अगस्त 2017)।

हालाँकि, राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत अभियान के लिए जो धनराशि आवंटित की गई थी, वह वहाँ से नहीं ली गई। इसके बजाय, यह एनएसएपी के फंड से खर्च किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, जून और सितंबर 2017 में डीएवीपी (विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय) को कार्य आदेश जारी किए गए थे। “... विभाग को सूचना के तहत डीएवीपी द्वारा अभियान चलाया जाना था; हालाँकि, डीएवीपी को भुगतान कार्य के निष्पादन की पुष्टि के बिना किया गया था।”

 रिपार्ट में कहा गया है, “इसलिए, एनएसएपी के तहत नियोजित आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां परिकल्पना के अनुसार नहीं की गईं और 2.83 करोड़ रुपये की धनराशि मंत्रालय की अन्य योजनाओं के संबंध में प्रचार के लिए भेज दी गई। इसलिए, एनएसएपी के संभावित लाभार्थियों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आईईसी गतिविधियों को शुरू नहीं किया जा सका, भले ही आईईसी गतिविधियों के लिए धन निर्धारित किया गया था।”

इसके अलावा, रिपोर्ट बताती है कि संभावित लाभार्थियों की पहचान और पात्र लाभार्थियों को पेंशन की मंजूरी में देरी हुई। पेंशन प्रभावी तिथि से पेंशन का वितरण न होने के परिणामस्वरूप 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 92,602 लाभार्थियों को 61.71 करोड़ रुपये का कम भुगतान हुआ।

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