कानपुर में एक हफ्ते पहले हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की आज मौत हो गई है। शुक्रवार की सुबह ठीक लगभग एक हफ्ते बाद पुलिस एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया है। इससे पहले उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद ये सवाल उठने शुरू हो गए थे कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया या उसने खुद सरेंडर किया?
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने जानकारी दी कि विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। कानपुर के पास ही पुलिस की गाड़ी अचानक सड़क हादसे का शिकार हो गई और पलट गई।
वह कार जिसमें विकास दुबे बैठा था (एएनआई/ट्विटर)
पुलिस ने दावा किया कि मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किए गए विकास दुबे ने कानपुर जाते समय गाड़ी के पलटने के बाद हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को उसका एनकाउंटर करना पड़ा।
कार पलटी, पुलिस के अनुसार, जिस कार में विकास दुबे को कानपुर ले जाया जा रहा था। (एएनआई/ ट्विटर)
विकास दुबे के केस में यूपी पुलिस ने एक के बाद एक एनकाउंटर किए हैं और गुरुवार को हुई उसकी अचानक गिरफ्तारी पर पहले ही सवाल उठ रहे थे, लेकिन अब विकास के एनकाउंटर ने अलग से कई और सवाल पैदा कर दिए हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो ने गैंगस्टर के एनकाउंटर के रहस्य को गहरा कर दिया है। वीडियो में एक कार दिखाई दे रही है, जिसमें विकास दुबे बैठा है, जो कार एक टोल बूथ को पार कर रही है। लेकिन ये कार कार से अलग थी जो राजमार्ग पर पलट गई और जिसमें गैंगस्टर को बैठने के लिए कहा गया था।
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साथ ही, दुबे को वापस लाने वाले काफिले का पीछा कर रहे मीडियाकर्मियों को पुलिस ने सुबह 6.30 बजे कथित मुठभेड़ से पहले कानपुर के सचेंडी इलाके में रोक दिया था।
विसा दुबे के एनकाउंटर से कुछ घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका में दुबे का एनकाउंट होने की आशंका व्यक्त की गई थी और मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। वकील और याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए गुरुवार शाम को याचिका खारिज की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से तीन जुलाई को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल गैंगस्टर विकास दुबे के पांच सहयोगियों की कथित मुठभेड़ में हत्या की गहन जांच करने के निर्देश भी मांगे थे।
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इस बीच, एक सेवानिवृत्त डीजीपी ने कहा कि कुछ राजनीतिक नेताओं को बचाने के लिए विकास को मार दिया गया। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया, "पूरा परिदृश्य क्रिस्टल की तरह साफ है। कानपुर एनकाउंट में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहे विकास दुबे की राजनेताओं, शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं और लोगों को पता है कि सच्चाई क्या है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्र मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, “आज जो उत्तर प्रदेश कानपुर में घटना हुई है, उससे सरकार की कार्यशैली पर बहुत सवाल उठते हैं! जनता में आक्रोश है और सवाल पूछ रही है कि सरकार की कार्यशैली और अपराधियों की कार्यशैली में क्या फर्क है?”
उन्होंने आगे कहा, “अगर खून का बदला खून होगा तो हमारी न्यायपालिका की क्या जरूरत है? जो यह मामला हुआ है, इससे ये भी सवाल उठ रहे हैं कि वे कौन लोग हैं जो यह चाहते थे कि उस कुख्यात अपराधी का अंत हो जाए और उसी के साथ सारे राज दफन हो जाएं और उन लोगों को छूट मिल जाए जो बड़े पद पर बैठते हैं और ऐसे अपराधियों को संरक्षण देते हैं!”