उत्तराखंड के चमोली के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के बाद पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया। इसका पानी सबसे पहले तपोवन स्थित एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट में ही आया और इससे ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ। अचानक हुए हादसे के चलते लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक, हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, छह घायल और लगभग 170 लापता हैं। रेस्क्यू टीम अब इनकी तलाश कर रही है।
आईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडे ने बताया कि अब हम दूसरी सुरंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो कि सुरंग नंबर एक है, वहां लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। हम रात का ऑपरेशन भी करेंगे। हमारी टीमें पहले से ही काम पर हैं और हमें उम्मीद है कि हम उन्हें बचा पाएंगे।
एनडीआरएफ के आईजी अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने बताया कि शुरू में पानी का बहाव बहुत तेज था, घटना स्थल से काफी दूर शव बरामद किए जा रहे हैं। कुछ गहरे इलाकों में और अन्य सुरंगों में फंसे हुए हैं।
ऊपर से आया मलबा इस प्रोजेक्ट के टनल में फंस गया है। हालाकि इस टनल में फंसे सभी 16 लोगों को आईटीबीपौ और एसडीआरएफ के जवानों ने निकाल लिया गया है। एक दूसरी टनल में भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। दूसरी टनल बड़ी है। इसमें कितने लोग हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में लगभग 120 लोग काम कर रहे थे। इसके अलावा कई और लोग भी यहां काम कर रहे थे। इनमें से 16 फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। सुरंग के मुहाने पर मलबे का कचरा आ जाने की वजह से अंदर पानी नहीं जा सका। इससेसे अंदर फंसे लोगों को नुकसान नहीं हुआ। इन लोगों के पास मोबाइल था। जिससे वो अपने फंसे होने की जानकारी कंपनी और घरवालों को दे पाए।