गोवा के भाजपा विधायक और गोवा पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन गणेश गांवकर ने शुक्रवार को कहा कि राज्य पर्यटन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, लेकिन यह अब केवल धूप, रेत और समुद्र तक सीमित नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गोवा अब अपनी सांस्कृतिक विरासत और जंगल सफारी को बढ़ावा दे रहा है।
हरियाणा के फरीदाबाद में सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में स्थापित गोवा मंडप के दौरे के दौरान गांवकर ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पर्यटन मंत्री रोहन खांटे के प्रयासों से गोवा का पर्यटन अब केवल धूप, रेत या समुद्र तट तक सीमित नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि अब पर्यटक गोवा के आंतरिक क्षेत्रों में ऐतिहासिक किलों, भगवान शिव और देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिरों, जैव विविधता पार्कों, औषधीय पौधों के उद्यानों, झरनों और यूनेस्को विरासत स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं।
7 फरवरी से शुरू हुआ वार्षिक सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें भारत और दुनिया भर के कारीगरों और कलाकारों की असाधारण कला, शिल्प कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन होगा। गांवकर ने आगे कहा कि गोवा काशी और उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों की तरह 25 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर 25 फरवरी को महादेव मंदिर में भव्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने कहा कि गोवा और हरियाणा सूरजकुंड मेले के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक विरासत को साझा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों राज्य भविष्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। गोवा के कलाकारों ने सूरजकुंड महोत्सव में बड़ी चौपाल पर पारंपरिक कोंकणी नृत्य पेश करते हुए अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर गोवा पर्यटन निगम के निदेशक केदार ए नाइक भी मौजूद रहे।