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रायबरेली कोच फैक्ट्री को लेकर रेल मंत्री का कांग्रेस पर जवाबी हमला, दोहरे मानदंड का आरोप

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री को लेकर कांग्रेस पर जवाबी हमला किया है। उन्होंने...
रायबरेली कोच फैक्ट्री को लेकर रेल मंत्री का कांग्रेस पर जवाबी हमला, दोहरे मानदंड का आरोप

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री को लेकर कांग्रेस पर जवाबी हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस फैक्ट्री की घोषणा करने के बाद कुछ नहीं किया। 2014 तक एक भी कोच का निर्माण नहीं हुआ। लोकसभा में मंगलवार कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रश्नकाल के दौरान रेल कोच फैक्ट्री का मुद्दा उठाए जाने पर यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी ने इसका कॉरपोरेटाइजेशन किए जाने के लिए सरकार पर निशाना साधा था।

2014 तक एक भी कोच का निर्माण नहीं हुआ

गोयल ने कहा कि सदन में कल और आज कांग्रेस के दोहरे मानदंड देखने को मिला हैं। कांग्रेस ने इस रेल कोच फैक्ट्री की घोषणा 2008 में की थी। लेकिन 2014 तक इसमें एक भी कोच नहीं बना। जबकि पिछले साल 1,422 कोचों का निर्माण किया गया।

कांग्रेस निजीकरण पर कर रही थी विचार

गोयल ने बताया कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने 2004-05 में बजट भाषण के दौरान उल्लेख किया था कि विनिवेश और निजीकरण उपयोगी आर्थिक कदम हैं। कांग्रेस इसके कॉरपोरेटाइजेशन नहीं बल्कि प्राइवेटाइजेशन पर विचार कर रही थी।

विपक्ष ने रेलवे की संपत्ति बेचने का लगाया था आरोप

रेल मंत्री के बयान के दौरान कांग्रेस के सदस्य सदन में विरोध करते नजर आए। मंगलवार को सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार ने रेलवे की उत्पादन इकाइयों और मॉडल रेल कोच फैक्ट्री को कंपनी बनाने का फैसला किया है। यूपीए प्रमुख ने कहा कि लोग कॉरपोरेटाइजेशन का असली मायने नहीं समझते हैं। वास्तव में उनके निजीकरण के लिए यह पहला कदम है। सरकार देश की परिसपत्तियों को सस्ती कीमत पर निजी कंपनियों को बेच रही है। इससे हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। प्रश्नकाल में डीएमके नेता कनिमोझी ने रेलवे की पांच प्रिंटिंग प्रेसों को बंद करने के सरकार के फैसले का उल्लेख किया था।

गोयल का आश्वासन- कोई कर्मचारी बेरोजगार नहीं होगा

गोयल ने आश्वासन दिया कि कोई भी कर्मचारी बेरोजगार नहीं होगा। उन्होंने डीएमके सहित विपक्षी सदस्यों के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में स्थापित की गई ये प्रिंटिंग प्रेस आर्थिक रूप से पूरी तरह अव्यावहारिक हो गई थीं। अब कुछ टिकटो की प्रिंटिंग लागत ज्यादा हो गई है। स्थिति ऐसी हो गई है कि इस अत्यधिक खर्च की भरपाई के लिए सरकार को रेल किराया बढ़ाना पड़ सकता था। रेल मंत्री ने कहा कि एक भी कर्मचारी बेरोजगार नहीं होगा। हम रेलवे में अकुशलता की अनुमति नहीं दे सकते हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया डिजिटाइजेशन की ओर आगे बढ़ रही है लेकिन कुछ पार्टियां और उनके सहयोगी अभी भी इतिहास में जी रहे हैं।

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