भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार शाम 4.56 बजे जीसैट-6ए कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। इस सैटेलाइट की लाइफ दस साल की होगी। यह इसरो और भारतीय सेनाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
#WATCH: ISRO's launches GSLV-F08 carrying the #GSAT6A communication satellite from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) in Sriharikota, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/m7qum0DnkA
— ANI (@ANI) March 29, 2018
इसरो के मुताबिक, उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिए भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है। इसे सेना के इस्तेमाल के हिसाब से भी डिजाइन किया गया है। भारत इससे पहले जीसैट-6 लॉन्च कर चुका है। आज लॉन्च होने वाला यह नया उपग्रह, अगस्त 2015 से धरती की कक्षा में चक्कर लगा रहे जीसैट-6 को सपोर्ट देने के लिए भेजा जा रहा है। इस नए सैटेलाइट में ज्यादा ताकतवर कम्युनिकेशन पैनल्स और डिवाससेस लगाई गई हैं।
सैटेलाइट का वजन 2140 किलोग्राम है। यह श्रीहरिकोटा के सेकेंड स्टेशन से लॉन्च किया गया। इसकी सबसे बड़ी खासियत मल्टी बीम कवरेज सुविधा है। इसके जरिए भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी। यही नहीं, इसमें एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी है। प्रक्षेपण यान जीएसलवी की 12वीं उड़ान है। रॉकेट की लंबाई 49.1 मीटर है। उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए रॉकेट में भी बदलाव किए गए हैं। सैटेलाइट को ले जाने वाले जीएसएलवी रॉकेट के पास दूसरे चरण के लिए उच्च स्तर का इंडक्शन लगा हुआ है। इसके अलावा रॉकेट इलेक्ट्रो हाइड्रोलिक एक्यूटेशन सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रो केमिकल ऑटोमेशन का इस्तेमाल करेगा।