गुजरात एटीएस की दो टीमों ने शनिवार को मुंबई से तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया है। उन्हें मुंबई के सांताक्रूज थाने में ले जाया गया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें अहमदाबाद शहर के पुलिस थाने ले जाया जाएगा।
शुक्रवार को 2002 गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था और जाकिया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए तल्ख टिप्पणी करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की जांच की और जरूरत बताई थी। एटीएस ने इसके बाद यह कार्रवाई की है। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी तीस्ता सीतलवाड़ समेत कई राजनेताओं पर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप लगाया था।
तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ गुजरात एटीएस ने मुंबई स्थित सांताक्रूज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 468 और 471 के तहत जालसाजी का आरोप लगाया गया है। एटीएस अधिकारी जैस्मीन रोजिया ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें अहमदाबाद शहर के पुलिस थाने ले जाया जाएगा। उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल हिरासत में लिया गया है।
वहीं, सीतलवाड़ के वकील ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके घर में घुस गई और उनके साथ मारपीट की। इससे पहले अमित शाह ने कहा था कि मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है। फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है। उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ - मुझे एनजीओ का नाम याद नहीं है - ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी।
गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में पीएम नरेंद्र मोदी समेत 62 राजनेताओं और अधिकारियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका दायर की थी। जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून का दुरपयोग करना ठीक नहीं। जितने लोग कानून का खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाना चाहिए। साथ तीस्ता सीतलवाड़ के एऩजीओ की जांच की जरूरत बताई। बता दें कि गुजरात में 2002 में एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से हुए दंगों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित कुल 68 लोग मारे गए थे।