हापुड़ मॉब लिंचिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को आगे जांच करने और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने के आदेश देने वाली मांग को खारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट जाने का निर्देश दिया है।
मांस निर्यातक 45 वर्षीय कासिम कुरैशी की हत्या मामले में बेंच मृतक के रिश्तेदार समीउद्दीन की ओर से दायर नयी अंतरिम याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में कहा गया है कि मांस निर्यातक के दोनों भाइयों की तरफ से हापुड़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए बयानों में हुए खुलासों के मद्देनजर आगे जांच की जरूरत है।
याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने समीउद्दीन से ट्रायल कोर्ट का रुख करने को कहा जो कानून के मुताबिक फैसला लेगी।
राज्य सरकार से तलब की थी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उसने हापुड़ भीड़ हत्या मामले में जांच पर नयी स्थिति रिपोर्ट दायर की है। अदालत ने आठ अप्रैल को राज्य सरकार को इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था जिसमें पिछले साल जून में गोरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी और अन्य के साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी।
ये था मामला
यूपी के हापुड़ में साल 2018 में बीफ तस्करी के शक में कासिम नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में कुछ और लोग भी जख्मी हुए थे। इस घटना के चश्मदीद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया है कि यूपी पुलिस इस मामले में ठीक से जांच नहीं कर रही है, यहां तक कि चश्मदीदों के बयान भी दर्ज नहीं किए गए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट यूपी पुलिस को जांच आगे बढ़ाने और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने का आदेश दे।