शिक्षक भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला को आज बीमार पत्नी की देखभाल के लिए दो सप्ताह का पैरोल मिल गया। दिल्ली हाईकोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता ने उन्हें पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया। आदेश में उनसे दूसरी किसी भी तरह की गतिविधि में भाग नहीं लेने को कहा गया है।
इससे पहले कोर्ट ने 11 दिसंबर को राज्य सरकार से पैरोल देने के बारे में जवाब देने को कहा था। चौटाला ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए दो महीने का पैरोल मांगा था। पैरोल देते हुए कोर्ट ने उनसे 50 हजार का निजी बॉन्ड और इतनी ही राशि के दो जमानतदार देने को कहा। कोर्ट ने उनसे कहा कि वे खुद को तबतक सिरसा के उस अस्पताल तक ही सीमित रखें जबतक उनकी पत्नी को बाहर के किसी अस्पताल में नहीं भेजा जाता। उनकी पत्नी सिरसा के अस्पताल में आइसीयू में भर्ती हैं।
82 साल के इस नेता की ओर से अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि उनकी पत्नी स्नेहलता गंभीर रूप से बीमार हैं और सिरसा के अस्पताल में भर्ती हैं। वह इस स्थिति में अपनी पत्नी पास मौजूद रहना चाहते हैं।
दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा ने यह कहते हुए पैरोल का विरोध किया कि कोर्ट ने पहले राजनीतिक रैली में भाग लेने के कारण चौटाला का पैरोल रद्द कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि बीमार महिला की देखभाल के लिए उनके घर के लोग भी हैं।
गौरतलब है कि चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य लोग शिक्षक भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट रहे हैं।