दिल्ली के जिन अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है, वहां एंटी-रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता पर मिली शिकायतों के मद्देनजर दिल्ली हाइकोर्ट ने राजधानी क्षेत्र की आप सरकार को नोटिस जारी किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उच्च न्यायालय ने नोटिस में कहा है, "हम भारतीय पशु कल्याण बोर्ड बनाम पीपुल्स फॉर एलिमिनेशन ऑफ स्ट्रे ट्रबल के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश से अवगत हैं। उच्चतम न्यायालय ने सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया था कि वे पशु क्रूरता निवारण से संबंधित कोई भी आदेश पारित न करें। अधिनियम, 1960 और पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001", में यह देखा गया।
पीठ ने आगे कहा कि "हालांकि, हमें एंटी-रेबीज वैक्सीन की अनुपलब्धता या कम आपूर्ति के कारण प्रचलित खतरनाक स्थिति का संज्ञान लेने में कोई शर्मिंदगी नहीं है," लेकिन टीके को उपलब्ध कराना सरकार का एक दायित्व है, उसे उसको पूरा करना चाहिए। इस मामले में सरकार से जवाब मांगते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख सितंबर 19 तय की है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने मंगलवार को शहर में एंटी-रेबीज इंजेक्शन की कमी पर एक समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लिया और आप सरकार को यह नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा, "उक्त लेख का एक अंश संबंधित सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन प्रदान करने में विफलता के संबंध में शहर में मामलों की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है। कुत्ते के काटने के पीड़ितों के लिए पर्याप्त संख्या में एंटी-रेबीज इंजेक्शन होने चाहिए जो पहले 24 घंटों के भीतर सकारात्मक रूप से उन्हें देना होता है। ”
अदालत ने यह भी कहा कि कुत्ते के काटने के शिकार लोगों को डॉ.राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग सहित सरकारी अस्पतालों में लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है।