बीते बोर्ड परीक्षा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सीबीएसई को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि वह कई मामलों में विद्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाकर उनके साथ ‘शत्रु’ जैसा व्यवहार कर रहा है। छात्र पढ़ाई करें या कोर्ट जाएं। अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच फरवरी 2021 की तारीख तय की है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ ने यह टिप्पणी बोर्ड द्वारा एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए की। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि कोविड-19 की वजह से रद्द परीक्षा से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई द्वारा लाई गई पुन: मूल्यांकन योजना अंक सुधार के आवेदकों पर भी लागू होगी।
पीठ ने कहा कि कोई भूचाल नहीं आ रहा था कि आप इस समय अदालत आए हैं। सीबीएसई को विद्यार्थियों को कोर्ट में घसीटने की बजाय स्पष्टीकरण के लिए शीर्ष अदालत जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि हम सीबीएसई का विद्यार्थी विरोधी रुख पसंद नहीं करते। आप विद्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर ले जा रहे हैं। वे अध्ययन करें या कोर्ट जाएं? हमें सीबीएसई से मुकदमा खर्च भुगतान करवाना शुरू करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर यह योजना सभी अंक सुधार इच्छुक विद्यार्थियों पर लागू की जाती है तो इसमें नुकसान क्या है?
बता दें कि एकल पीठ ने 14 अगस्त को दिए फैसले में कहा कि कोविड-19 की वजह से रद्द सीबीएसई की परीक्षा से प्रभावित छात्रों के लिए मूल्यांकन की जिस योजना को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है वह अंक सुधार परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों पर भी लागू होगी क्योंकि वे भी महामारी से बराबर पीड़ित हैं।