कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने रविवार को बिहार में बढ़ती अपराध दर के खिलाफ उनकी टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर सत्ता के लालची होने का आरोप लगाया।प्रमोद तिवारी ने कहा कि पासवान ने एनडीए गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह केंद्रीय मंत्री भी हैं, लेकिन अब वह बिहार में अपराध को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "चिराग पासवान ने एनडीए गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ा, केंद्रीय मंत्री हैं और अब वह बिहार में अपराध पर सवाल उठा रहे हैं और आलोचना कर रहे हैं... उन्हें सत्ता का लालच छोड़ देना चाहिए।"
इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें ऐसी सरकार का समर्थन करने में दुख हो रहा है, जो बढ़ती अपराध दर पर अंकुश लगाने में सक्षम नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने पटना में संवाददाताओं से कहा, "मेरा भी मानना है कि चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत ये घटनाएं की जा रही हैं। लेकिन फिर भी इसे नियंत्रित करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। या तो प्रशासन की इसमें मिलीभगत है या फिर प्रशासन पूरी तरह से निकम्मा हो गया है और अब बिहार और बिहारियों को सुरक्षित रखना उनके बस की बात नहीं रह गई है।"
उन्होंने कहा, "मैं बिहार सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस मामले पर समय रहते कार्रवाई की जाए। मुझे शर्म आती है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं, जिसके शासन में अपराध नियंत्रण से बाहर हो गया है।"इस बीच, पाठ्यपुस्तकों में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की आलोचना करते हुए तिवारी ने कहा कि सभी से सुझाव लिए जाने चाहिए और इतिहास को विकृत नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "जब एनसीईआरटी में बदलाव किए जाएं, तो विपक्ष समेत सभी से सुझाव लिए जाने चाहिए। यह सही है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।"केंद्र पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "इसमें सेना प्रमुखों के बयान भी शामिल होने चाहिए। इसमें यह भी शामिल होना चाहिए कि जब हमारी सेनाएँ पाकिस्तान की ओर बढ़ रही थीं, तो क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्यापार समझौतों के बदले युद्धविराम की घोषणा की थी? राजनीतिक नेतृत्व की कमज़ोरी का भी ज़िक्र होना चाहिए।"