केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कश्मीर घाटी से हिंदुओं के पलायन के लिए पार्टी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब पार्टी केंद्र में सत्ता में थी, तब उन पर अत्याचार हुए।
सिंह ने कहा, "बेटियों और बहुओं की इज्जत लूटी गई। उनकी हत्या की गई और उनकी जमीनें लूटी गईं। तब कांग्रेस क्या कर रही थी? वह आंखें मूंदकर क्यों बैठी थी? उन्हें देश की नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक अस्तित्व की चिंता है।" उन्होंने कहा, "कश्मीर घाटी से हिंदुओं का पलायन और सबसे ज्यादा अत्याचार केंद्र में सत्ता में कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में हुए।"
गोंडा में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने कहा, "यह हमारी विदेश नीति का ही नतीजा है कि आज दुनिया भर के नेता अपने विवादों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगते हैं।"
भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अलगाववादी ताकतों को खत्म कर देश को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल सिर्फ अपने निजी हितों और राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए देश को बांटने की बात करते हैं।
सिंह ने कहा, "वे आज भी ब्रिटिश शासन के दौरान अपनाई गई 'फूट डालो और राज करो' की नीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। सत्ता उनके लिए सबसे बड़ी चीज है। इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। चाहे समाज बिखर जाए, देश के टुकड़े हो जाएं या कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से निकाल दिया जाए। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए।"
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जंगली जानवरों के आतंक के बारे में पूछे जाने पर सिंह, जो केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री भी हैं, ने कहा कि बहराइच में घने जंगल हैं और आसपास मानव बस्तियां भी हैं, जो हमलों का मुख्य कारण हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा, "हमें यह समझने की जरूरत है कि ये जंगली जानवर जंगल से निकलकर हमला क्यों कर रहे हैं? क्या उनका प्राकृतिक भोजन खत्म हो गया है या कोई और वजह है, जिसकी वजह से वे (मानव) बस्तियों की ओर भाग रहे हैं? हमें इस पर गहराई से जांच करनी होगी और अध्ययन करना होगा।"
उन्होंने कहा कि मानव और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। सिंह ने कहा, "पर्यावरण के साथ सामंजस्य के बिना जीवन संभव नहीं है। हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। जंगली जानवरों के हमलों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।"